अनमोल और बहुत महान वादे
इस अध्ययन का उद्देश्य इस सत्य को बढ़ावा देना है कि परमेश्वर पूर्णतः भरोसेमंद है। वह विश्वासयोग्य, सच्चा और अपरिवर्तनीय है।
“35 आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरे शब्द कभी न टलेंगे।” | |
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पुराने नियम से वह पद (या कई पद) जहाँ वादा पाया जाता है: “6 मेलबलि और अन्नबलि से तू प्रसन्न नहीं होता तूने मेरे कान खोदकर खोले हैं। होमबलि और पापबलि तूने नहीं चाहा।7 तब मैंने कहा, “देख, मैं आया हूँ; क्योंकि पुस्तक में मेरे विषय ऐसा ही लिखा हुआ है।” (भजन संहिता 40: 6, 7) *जोर दिया गया है। | |
मत्ती का वह पद जो एक वादे की पूर्ति को दर्शाता है: “24 मनुष्य का पुत्र तो जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य के लिये शोक है जिसके द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है: यदि उस मनुष्य का जन्म न होता, तो उसके लिये भला होता।” (मत्ती 26: 24) *जोर दिया गया है। | |
परमेश्वर का एक और अनमोल और बहुत महान वादा यह है: “9 द्वार मैं हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया-जाया करेगा और चारा पाएगा।” (यूहन्ना 10: 9) | |
याद करने के लिए
ईश्वरीय वादे
“9 द्वार मैं हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया-जाया करेगा और चारा पाएगा।”
(यूहन्ना 10: 9)
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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन – हिंदी