अनमोल और बहुत महान वादे

35 आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरे शब्द कभी न टलेंगे।
(मत्ती 24: 35)


पुराने नियम से वह पद (या कई पद) जहाँ वादा पाया जाता है:

18 उस समय बहरे पुस्तक की बातें सुनने लगेंगे, और अंधे जिन्हें अभी कुछ नहीं सूझता, वे देखने लगेंगे।“
(यशायाह 29: 18)


मत्ती का वह पद जो एक वादे की पूर्ति को दर्शाता है:

28 जब वह घर में पहुँचा, तो वे अंधे उसके पास आए, और यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम्हें विश्वास है, कि मैं यह कर सकता हूँ?” उन्होंने उससे कहा, “हाँ प्रभु।” 29 तब उसने उनकी आँखें छूकर कहा, “तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारे लिये हो।” 30 और उनकी आँखें खुल गई और यीशु ने उन्हें सख्‍ती के साथ सचेत किया और कहा, “सावधान, कोई इस बात को न जाने।”
(मत्ती 9: 28-30)


परमेश्‍वर का एक और अनमोल और बहुत महान वादा यह है:

10 “धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।”
(मत्ती 5: 10)

याद करने योग्य

वादा

10 “धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।”
(मत्ती 5: 10)

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