अनमोल और बहुत महान वादे

35 आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरे शब्द कभी न टलेंगे।
(मत्ती 24: 35)


पुराने नियम से वह पद (या कई पद) जहाँ वादा पाया जाता है:

6 मेलबलि और अन्नबलि से तू प्रसन्न नहीं होता
तूने मेरे कान खोदकर खोले हैं।
होमबलि और पापबलि तूने नहीं चाहा।7 तब मैंने कहा,
“देख, मैं आया हूँ; क्योंकि पुस्तक में
मेरे विषय ऐसा ही लिखा हुआ है।

(भजन संहिता 40: 6, 7)
*जोर दिया गया है।


मत्ती का वह पद जो एक वादे की पूर्ति को दर्शाता है:

24 मनुष्य का पुत्र तो जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य के लिये शोक है जिसके द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है: यदि उस मनुष्य का जन्म न होता, तो उसके लिये भला होता।”
(मत्ती 26: 24)
*जोर दिया गया है।


परमेश्‍वर का एक और अनमोल और बहुत महान वादा यह है:

9 द्वार मैं हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया-जाया करेगा और चारा पाएगा।”
(यूहन्ना 10: 9)

याद करने के लिए

ईश्वरीय वादे

9 द्वार मैं हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया-जाया करेगा और चारा पाएगा।”
(यूहन्ना 10: 9)

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